राह में जितने कड़े मोड़ आए उतने हम अपने निशाँ छोड़ आए मौज-ए-पुर-शोर की सूरत हम भी एक चट्टान से सर फोड़ आए धूप और छाँव है क़िस्मत अपनी एक मंज़िल पे कई मोड़ आए एक रिश्ते को निभाने के लिए रिश्ता-ए-दिल का सिरा तोड़ आए कुछ तो अंजाम हो किरदारों का अब कहानी में नया मोड़ आए सौंप कर चाँद सितारे आए तेरी चौखट पे जहाँ छोड़ आए हम जहाँ साथ रहा करते थे कितनी यादों को वहाँ छोड़ आए