रहीन-ए-ख़्वाब-ए-गुम-गश्ता हमारे सामने मत आ जहाँ भर में हो वारफ़्ता हमारे सामने मत आ धमाके से उड़ाते जाएँगे अब राह की हर शय बनाने दे हमें रस्ता हमारे सामने मत आ तसादुम के अलावा अन-गिनत ज़िमनी मसाइल हैं तिरी हस्ती से वाबस्ता हमारे सामने मत आ नवाह-ए-चश्म का मौसम बदलना है तआ'वुन कर यही बस एक दो हफ़्ता हमारे सामने मत आ मुनाफ़िक़ फूल भी लाए तो काँटे साथ आते हैं उठा अपना ये गुलदस्ता हमारे सामने मत आ ख़ुदारा कैमरों और आइनों से मा'ज़रत कर ली हमारे अक्स-ए-रू-ख़स्ता हमारे सामने मत आ हमारे सामने फैले सवालों से भरे नक़्शे तुझे कर देंगे ख़ुद-रफ़्ता हमारे सामने मत आ अगर तू सामने आया तो खुल जाएँगे पुशतारे हमें रहने दे लब-बस्ता हमारे सामने मत आ ग़रज़-दारी की ख़ार-आवर मोहब्बत-ख़ोर बेलें हैं तिरे पैकर से पैवस्ता हमारे सामने मत आ हमें पहले क़दम से इल्म है ये धूल किस की है अक़ब में है तिरा दस्ता हमारे सामने मत आ कभी वो सामने आए तो हम हट भी नहीं सकते कहे जाते हैं बर-जस्ता हमारे सामने मत आ