रंग मौसम का हरा था पहले By Ghazal << दिल में ख़ुशबू सी उतर जात... मिरे चेहरे से ग़म आँखों स... >> रंग मौसम का हरा था पहले पेड़ ये कितना घना था पहले मैं ने तो ब'अद में तोड़ा था इसे आईना मुझ पे हँसा था पहले जो नया है वो पुराना होगा जो पुराना है नया था पहले ब'अद में मैं ने बुलंदी को छुआ अपनी नज़रों से गिरा था पहले Share on: