रक़्स करते हुए नज़ारे हैं साथ में चाँद है सितारे हैं आँख में रौशनी के धारे हैं साथ में चाँद है सितारे हैं इस तसलसुल में इस रवानी में लाश ठहरी हुई है पानी में बुलबुलें हाथ पाँव मारे हैं साथ में चाँद है सितारे हैं उन की आँखों में ख़्वाब-ए-दुनिया है रुख़ है या आफ़्ताब-ए-दुनिया है मेरी आँखों में बस शरारे हैं साथ में चाँद है सितारे हैं गर्दिश-ए-वक़्त का वजूद वो ख़्वाब अपनी ख़ातिर है हस्त-ओ-बूद वो ख़्वाब तुम हमारे हो हम तुम्हारे हैं साथ में चाँद है सितारे हैं सारे ग़म-ख़्वार हैं चराग़ों के सब अज़ादार हैं चराग़ों के सुब्ह से हम भी जंग हारे हैं साथ में चाँद हैं सितारे हैं रौशनी कब मुझे मयस्सर है तीरगी ही मिरा मुक़द्दर है यूँ तो जुगनू भी ढेर सारे हैं साथ में चाँद है सितारे हैं दिल में उम्मीद-ए-वस्ल जागी है आरज़ू नंगे पाँव भागी है आसमाँ में कुछ अब्र-पारे हैं साथ में चाँद है सितारे हैं ज़िंदगी ख़्वाहिशों के मलबे से दे रही है हमें सदा 'शहबाज़' हम किसी झील के किनारे हैं साथ में चाँद है सितारे हैं