रक़्स करती हुई धरती पे खड़ा कर के मुझे किस जगह छोड़ दिया ख़ुद से जुदा कर के मुझे मैं ने थक-हार के जब ख़ुद से रिफ़ाक़त कर ली दिल ने फिर छोड़ दिया मेरा गिला कर के मुझे अपने इस तुर्रा-ए-दस्तार-ए-ख़िलाफ़त की क़सम जान से मार दिया तू ने बड़ा कर के मुझे जाँ-निसार अब भी मिरे साथ बहत्तर हैं वही देख लो बरपा अभी कर्ब-ओ-बला कर के मुझे