रौशनी कर दे सर-ब-सर मौला उस की आँखों में नूर भर मौला सिर्फ़ तेरा उसे सहारा हो सिर्फ़ तेरा ही उस को डर मौला उस की ख़ुश-क़िस्मती रहे दाइम उस से क़ाएम है मेरा घर मौला उस की परवाज़ हो सुरय्या तक कर दे मज़बूत उस के पर मौला नेकियाँ हों क़रीब और क़रीब दूर उस से हों सारे शर मौला शब-ए-तीरा में मेरे कमसिन के हौसलों को बुलंद कर मौला ये मुझे इस क़दर ज़रूरी है जैसे घर के लिए हो दर मौला बर-ज़रूरत तसल्लियों के लिए दौड़ कर आएँ बहर-ओ-बर मौला सिर्फ़ कहना है लफ़्ज़ कुन तू ने सिर्फ़ लगना है लम्हा भर मौला हाल-ए-दिल जब बता दिया तुझ को यूँ लगा हो गई सहर मौला और जो कुछ न कह सका बाबा कह रही है ये चश्म-ए-तर मौला सब को ये कह दिया है 'ताहिर' ने मेरा कोई नहीं मगर मौला