रौशनी की अशद ज़रूरत है आप के पास थोड़ी फ़ुर्सत है आप से झूट कह रहा था कोई ज़िंदगी ढेर ख़ूबसूरत है एक दूजे को खो दिया हम ने और ये उजलत नहीं हिमाक़त है उस के मेरे विसाल में हाइल और कुछ भी नहीं है ग़ुर्बत है आप जैसे सुख़न-निगारों को आइना देखने की हाजत है और कुछ हो न हो तुम्हारे पास एक दोशीज़ा की मोहब्बत है आप को क्या ग़रज़ है 'अनअम' से वो मोहब्बत है या मुसीबत है