रौशनी से हार कर तीरगी से प्यार कर हाथ हाथों से मिला पीठ पीछे वार कर ज़िद्दी बच्चा सो गया अपनी ख़्वाहिश मार कर सोच का चश्मा लगा देर तक दीदार कर किस ने बोला दर्द ले किस ने बोला प्यार कर ज़हर पी और हो अमर डूब जा और पार कर इश्क़ की बाज़ी लगा जीत जा सब हार कर ख़ामुशी का क़ुफ़्ल तोड़ लब हिला इज़हार कर जुर्म-ए-उल्फ़त मान ले मुस्कुरा इक़रार कर शाइरी का शौक़ है शाइ'रों से प्यार कर