रौशनी वाले तो दुनिया देखें हम अँधेरे के सिवा क्या देखें अपनी क़िस्मत में भी कुछ है कि नहीं अब ज़रा हाथ तो फैला देखें तू कभी सुब्ह का तारा बन जाए हम तुझे दूर से तन्हा देखें आग पानी में अगर जंग हुई किस तरफ़ आदमी होगा देखें जान से हाथ न धोए जाएँ और बहता हुआ दरिया देखें किस के आँगन को उजाला बख़्शे 'राम' टूटा हुआ तारा देखें