रविश-ए-सादा-बयानी मेरी है ये तेग़-ए-सफ़हानी मेरी ना-शनासा को न आए बावर दास्ताँ उस की ज़बानी मेरी मेरी हस्ती है मुमय्यज़ ब-अदम बे-निशानी है निशानी मेरी रख़्ना-गर है मिरी आज़ादी में हवस-ए-बाल फ़िशानी मेरी सबक़-ए-जहल की तकरार पे अब मुनहसिर है हमा-दानी मेरी दोस्ती वज़्अ-ए-तन-आसानी की बन गई दुश्मन-ए-जानी मेरी ख़ात्मा है मिरी तम्हीद में दर्ज है दिल-आवेज़ कहानी मेरी ज़ीरकी दाम-ए-फ़रेब-ए-दिल है है तहय्युर निगरानी मेरी दिल हो साक़ी लब-ए-दरिया साग़र सहल है प्यास बुझानी मेरी सुब्ह-ए-तिफ़्ली है बुढ़ापा मेरा शाम-ए-पीरी थी जवानी मेरी एक चक्कर है बशक्ल-ए-गिर्दाब बंद-बरपा है रवानी मेरी वज्ह बाक़ी मिरे मअ'नी को समझ सूरत अलबत्ता है फ़ानी मेरी बज़्म-ए-कसरत का तमाशाई हूँ वहदत-ए-सर्फ़ है बानी मेरी