रिया-कारी के धंदों में न तू शामिल न मैं शामिल ख़ुदा के नेक बंदों में न तू शामिल न मैं शामिल वफ़ा की सूखती झीलों से लाखों कूच करते हैं मगर उड़ते परिंदों में न तू शामिल न मैं शामिल तमाशा देखते हैं आप अपना और हँसते हैं हमारे दर्द-मंदों में न तुम शामिल न मैं शामिल अभी तो भीगते लम्हों ने पहला भेद पाया है अभी बारिश की बूंदों में न तू शामिल न मैं शामिल फ़साद-ओ-क़त्ल करते हैं जो तेरे मेरे नामों पर इलाही इन दरिंदों में न तू शामिल न मैं शामिल न ए'ज़ाज़ात और पी आर तम्ग़े और न सेमिनार अदब के शर-पसंदों में न तुम शामिल न मैं शामिल