रू-ब-रू आना छुपाना छोड़ दे लन-तरानी का सुनाना छोड़ दे जल्वा-गर हो जा मिरे दिल में सनम कू-ब-कू मुझ को फिराना छोड़ दे अब तो मुश्त-ए-ख़ाक बाक़ी रह गई शो'ला-ए-फुर्क़त जलाना छोड़ दे रंज सहने की नहीं ताक़त मुझे ग़ैर की महफ़िल में जाना छोड़ दे मिस्ल-ए-बुत ख़ामोश हो जाऊँगा मैं गर सलासिल ग़ुल मचाना छोड़ दे ऐ सबा सर-गश्ता मैं कब तक रहूँ मेरी मिट्टी का उड़ाना छोड़ दे तार तार अब हो गए दामन मिरे पंजा-ए-वहशत सुनाना छोड़ दे रुख़ पे आ कर बे-अदब करते हैं बल गेसुओं का सर छुड़ाना छोड़ दे हूँ 'जमीला' की तरह मैं ग़म-ज़दा ऐ फ़लक मेरा सताना छोड़ दे