रुख़ पर है मलाल आज कैसा दिलबर है मलाल आज कैसा उस ख़ाल से क्या मिली है ज़िल्लत अख़्तर है मलाल आज कैसा बे-यार नहीं हुआ तिरा दौर साग़र है मलाल आज कैसा क्या आई है याद तेग़-ए-क़ातिल ऐ सर है मलाल आज कैसा है राहत-ए-वस्ल के जो आमद मुज़्तर है मलाल आज कैसा इन्दर मेरी आह सुन के बोले बाहर है मलाल आज कैसा क्या आई है कुछ ख़बर 'सख़ी' की घर घर है मलाल आज कैसा