सारी मुश्किल टल गई By Ghazal << कहते नहीं हैं हाल किसी रा... आँखों से रिसते पानी की बा... >> सारी मुश्किल टल गई दिल की बस्ती जल गई हादसा-दर-हादसा इक रिवायत चल गई सब तो मुश्किल में गए कब कहीं मुश्किल गई मसअला इक बन गया रौशनी जल गई ज़िंदगी खोटी सही फिर भी लेकिन चल गई Share on: