सात दरियाओं का पानी है मिरे कूज़े में बंद इक ताज़ा कहानी है मिरे कूज़े में तुम उसे पानी समझते हो तो समझो साहब ये समुंदर की निशानी है मिरे कूज़े में मेरे आबा ने जवानी में मुझे सौंपा था मेरे आबा की जवानी है मिरे कूज़े में देखने वालो नए नक़्श मिलेंगे तुम को सोचने वालो गिरानी है मिरे कूज़े में जाने किस ख़ाक से ये ज़र्फ़ हुआ है ता'मीर जाने किस घाट का पानी है मिरे कूज़े में आन की आन गुज़रता है ज़माना इस पर वक़्त की नक़्ल-ए-मकानी है मिरे कूज़े में चारों सम्तों में कोई शय भी अगर है मौजूद इस ने वो ला के गिरानी है मिरे कूज़े में क़र्ज़ है मुझ पे जो इक अक्स-ए-तमन्ना 'आज़र' उस ने क्या शक्ल बनानी है मिरे कूज़े में