सब है फ़ानी यहाँ संसार में किस का क्या है फ़िक्र फिर भी है तुझे अपना पराया क्या है आप का पहला ही अंदाज़ बता देता है आप को आप के वालिद ने सिखाया क्या है ज़िंदगी ख़ुद पे तू इतना भी गुमाँ मत करना चंद साँसों के सिवा तेरा असासा क्या है फिर से इक और लड़ाई के बहाने के सिवा तुम बता दो कि किसी जंग से मिलता क्या है उम्र भर कुछ न किया जिस की तमन्ना के सिवा उस ने पूछा भी नहीं मेरी तमन्ना क्या है कुछ ग़रीबों की गली में भी दिए जल जाएँ इस से बेहतर भी दिवाली का उजाला क्या है कोई जज़्बा कोई एहसास न धड़कन है कोई ये अगर दिल है मिरे दोस्त तो सहरा क्या है दाम मन-माने उसे दे के ख़रीदा तू ने देख तो ले तुझे बाज़ार ने बेचा क्या है वही भूके वही आहें वही आँसू हैं 'सहाब' शहर का नाम बदल जाने से बदला क्या है