सब की आँखों में रहा करते थे फ़र्द हैं क़ौम हुआ करते थे अब तअ'ल्लुक़ में ग़रज़ है शामिल दोस्त बचपन में हुआ करते थे रास्ते ताल तलय्या, टीले कितने रूमान हुआ करते थे उस का ख़ुश होना बहुत भाता था हम निशाने को ख़ता करते थे इश्क़ परवान वहाँ चढ़ता था जहाँ आसेब रहा करते थे हाथ तो अब भी मिलाते हैं लोग दिल मगर पहले मिला करते थे दस्त बरादारी हमें आती थी हम कहा मान लिया करते थे कर लिया ख़ुद को ही बर्बाद आख़िर वक़्त बर्बाद किया करते थे पहले आँखों को मयस्सर थे आप पहले हम शे'र कहा करते थे