सच कैसे सुना जाए By Ghazal << आया हूँ तेरे पास मिरे यार... नींदें मेरी उड़ा देते हैं >> सच कैसे सुना जाए सब कैसे कहा जाए दुख कैसे सहा जाए ख़ुश कैसे रहा जाए हर लम्हा लगे ऐसे जैसे कोई आ जाए जिस जगह तुझे देखूँ आँखों में समा जाए बस उस के समझने को दीवाना बना जाए Share on: