सच को झूट बना जाता है बाज़ औक़ात बंदा ठोकर खा जाता है बाज़ औक़ात घर की छत पर रिम-झिम बारिश जलती धूप ये मौसम भी आ जाता है बाज़ औक़ात अच्छी क़िस्मत अच्छा मौसम अच्छे लोग फिर भी दिल घबरा जाता है बाज़ औक़ात रोज़ाना तू रात गए घर आता है शाम से पहले आ जाता है बाज़ औक़ात जीत के मुझ से इतना क्यूँ इतराते हो हार के भी जीता जाता है बाज़ औक़ात तुम ने नाहक़ रोने का इल्ज़ाम दिया आँख में पानी आ जाता है बाज़ औक़ात 'मंज़र' मीठी बातें भी तो करता है कड़वे बोल सुना जाता है बाज़ औक़ात