सफ़र के लाख हीले हैं ये दरिया तो वसीले हैं कहाँ से हो के आई है हवा के हाथ पीले हैं डसा है हिज्र ने हम को हमारे साँस नीले हैं ख़ुदाया ख़ुश्क रुत में भी हमारे नैन गीले हैं मैं शाइ'र हूँ मोहब्बत का मिरे दुख भी रसीले हैं अभी तो जंग जारी है मगर आ'साब ढीले हैं