सहन-ए-चमन में हर-सू पत्थर फूल तो फूल है ख़ुशबू पत्थर आज इक एक किरन पथराई सूरज तारे जुगनू पत्थर पथराए पथराए चेहरे आँखें पत्थर आँसू पत्थर मेरी जानिब हर जानिब से आए हैं बे-क़ाबू पत्थर राह-ए-वफ़ा पर चलना मुश्किल हर-सू काँटे हर-सू पत्थर अहल-ए-जफ़ा से हाथ मिलाते हो गए मेरे बाज़ू पत्थर इस माहौल में गर जीना है 'यज़्दानी' हो जा तू पत्थर