सामने ख़ंजर रख कर देखें दिल है फूल कि पत्थर देखें एक जज़ीरा हो और हम तुम चारों-ओर समुंदर देखें अब क्या नाम की ज़ेबाइश ही हर घर की तख़्ती पर देखें दम-ख़म है आँधी में कितना आओ दीप जला कर देखें आग है दोनों की आँखों में जलता है किस का घर देखें सामने मंज़र ही आते हैं आप 'असर' पस-ए-मंज़र देखें