समुंदरों के सुकूँ को भँवर ने छीन लिया किसी के चैन को उस के ही घर ने छीन लिया सँभलने वाली नहीं है ये तेज़-रौ दुनिया पुराने रोग को ताज़ा ख़बर ने छीन लिया मुझे तो बस यही दुख है कि मेरे गुलशन की तरंग-ओ-रंग को सूखे शजर ने छीन लिया पुराने खेल नए खेलों से जुदा थे मियाँ वो फुर्तियाँ थीं जिन्हें दौर-ए-ज़र ने छीन लिया किसी का सर कोई दस्तार कर गई अग़वा किसी के ताज को दूजे के सर ने छीन लिया बुराइयाँ न लिखें तो फ़रिश्ते क्या करें 'औन' ख़िलाफ़तों को जो इल्म-ए-बशर ने छीन लिया