सन्नाटे की एक कहानी होती है भूली-बिसरी याद सुहानी होती है कुछ बातें ऐसी ही जो बे-मा'नी हैं कुछ क़िस्सों में अब भी नानी होती है दीवारों पर टँगे कैलेंडर ख़स्ता हैं तारीख़ों में एक निशानी होती है रिश्तों के ताने-बाने से मतलब क्या बे-मतलब ही कुछ नादानी होती है मौसम दरिया जंगल सहरा गाँव 'शकील' सब की सिफ़त जानी पहचानी होती है