साथ क्या सच का दे दिया हम ने सब को दुश्मन बना लिया हम ने कहने को ज़िंदगी गुज़ारी है कुछ ही पल थे जिन्हें जिया हम ने वक़्त ने सारे फ़ैसले थोपे अपनी मर्ज़ी से क्या किया हम ने हम-सरी हम से न कर ऐ सुक़रात ज़हर हर रोज़ है पिया हम ने जाते जाते है ये मलाल 'सदा' आ के दुनिया में क्या किया हम ने