साथ उन के मिरे अरमान का जाना ठहरा उन का आना था मिरी जान का जाना ठहरा साथ उस के जो किसी और को कर लूँ मैं शरीक एक लग़्ज़िश से ही ईमान का जाना ठहरा ख़ौफ़ अल्लाह का जिस क़ल्ब की ज़ीनत हो मियाँ ऐसे दिल में कहाँ शैतान का जाना ठहरा जब वली ने किया इंकार महल जाने से उन के दर पर भी तो सुल्तान का जाना ठहरा जिस की ईमा पे निकाला गया जन्नत से मुझे उस की मर्ज़ी से ही इंसान का जाना ठहरा सर पे गठरी है गुनाहों की भुला कर 'महशर' कैसे कह दूँ कि बड़ी शान का जाना ठहरा