शौक़ की नुक्ता-दानियाँ न गईं रात बीती कहानियाँ न गईं हुस्न ने दी हज़ार बार शिकस्त इश्क़ की लनतरानियाँ न गईं नक़्श बन बन के रह गईं दिल में सरसरी नौजवानियाँ न गईं चेहरा-ए-ज़िंदगी की रौनक़ हैं हौसलों की निशानियाँ न गईं 'वज्द' मायूसियों के ज़ोर में भी अज़्म की कामरानियाँ न गईं