शायद किसी ने आप से ये कह दिया ग़लत मुमकिन है आप ही ने कहीं सुन लिया ग़लत वल्लाह अब भी आप का मैं जाँ-निसार हूँ मैं और आप ही से कहूँगा भला ग़लत मुद्दत के बाद आज नज़र आए शुक्र है देखा ये जब से तुम को मिरा ग़म हुआ ग़लत हम को नहीं है वास्ता कुछ इश्क़ से वले चर्चा किसी ने कर दिया है जा-ब-जा ग़लत जाते थे घर रक़ीब के पर आ गए यहाँ उन को बता दिया है किसी ने पता ग़लत हम ने सुना कि हज़रत-ए-'कामिल' गुज़र गए है आरज़ू कि निकले ख़बर या-ख़ुदा ग़लत