सीना-ए-पुर-सोज़ यकसू चश्म-ए-गिर्यां यक तरफ़ दिल बचे क्या यक तरफ़ आतिश है तूफ़ाँ यक तरफ़ दाम सब्ज़े के से बचना ताइर-ए-दिल है मुहाल सब्ज़ा-ए-ख़त यक तरफ़ ज़ुल्फ़-ए-परेशाँ यक तरफ़ मुस्तइद हैं उस बुत-ए-तन्नाज़ पर बहर-ए-निसार यक तरफ़ सब्र-ओ-दिल-ओ-दीं जान-ओ-ईमाँ यक तरफ़ किस पे शब-ख़ूँ मारने कूँ की सफ़-आरा फ़ौज-ए-नाज़ यक तरफ़ स्याही मिसी की सुर्ख़ी-ए-पाँ यक तरफ़ फिर बहार आई जो बाहम मुस्तइद्द-ए-जंग हैं यक तरफ़ दस्त-ए-जुनूँ जैब-ओ-गरेबाँ यक तरफ़ टुक समा कर ऐ 'जहाँदार' आज उस कूचे में जा तेग़-बर-कफ़ है वो यकसू और रक़ीबाँ यक तरफ़