सींचे गए जो ज़ख़्म दवा से निखर गए ख़ाली हमारे दर से सभी चारागर गए मुश्किल है मेरे दिल में तिरे ग़म को ढूँडना सागर में ऐसे कितने ही दरिया उतर गए मैं इस लिए भी दौड़ में आगे निकल गया मेरे हरीफ़ वक़्त से पहले ठहर गए आई ख़िज़ाँ तो इश्क़ के मा'नी पता चले पत्तों के साथ शाख़ों से कुछ फूल झड़ गए लड़कों को लग रही थी मोहब्बत हसीन शय मेरी मिसाल दी गई सारे सुधर गए जैसे नदी का हश्र समुंदर में गिरना है वैसे ये सानहे सभी मुझ पर गुज़र गए तुम ही नहीं गए हो मुझे छोड़ कर 'अमूल्य' जाओ तुम्हारे जैसे कई लोग मर गए