सितारा ले गया है मेरा आसमान से कौन उतर रहा है 'शुमार' आज मेरे ध्यान से कौन अभी सफ़र में कोई मोड़ ही नहीं आया निकल गया है ये चुप-चाप दास्तान से कौन लहू में आग लगा कर ये कौन हँसता है ये इंतिक़ाम सा लेता है रूह ओ जान से कौन ये दार चूम के मुस्का रहा है कौन उधर गुज़र रहा है तुम्हारे ये इम्तिहान से कौन ज़मीन छोड़ना फ़िलहाल मेरे बस में नहीं दिखाई देने लगा फिर ये आसमान से कौन