सोचा था दिल को ख़ुशनुमा करते कोई तो काम हम नया करते मैं ने सोचा ये था कि हम दोनों इक शजर साथ में हरा करते रंग-ए-गुल चाँद छोड़ कर के तुम शे'र कुछ इस पे भी कहा करते उस के आने से पहले हम सब से सिर्फ़ तकलीफ़ में मिला करते घर पहुँचने के बाद हम दोनों नाम अल्लाह का लिया करते