सुख़न में डूब कर अफ़्कार के अंदर से निकली हूँ बड़ी मुश्किल से मैं किरदार के अंदर से निकली हूँ ये कैसी तान में भर कर उतारा ख़ुद को नग़्मे में ढली सुर में न मैं झंकार के अंदर से निकली हूँ मिरी मर्ज़ी भी शामिल जब हुई है उस की मर्ज़ी में मैं ज़िद को तोड़ कर इंकार के अंदर से निकली हूँ कहीं बुनियाद में शामिल हुआ होगा लहू मेरा मैं मिट्टी हो के जिस दीवार के अंदर से निकली हूँ किया तख़्लीक़ उस ने मुझ को किस मेआ'र पर रख कर ढली फ़न में न मैं फ़नकार के अंदर से निकली हूँ मुझे छाँटा है जाने किस ने रख कर किस कसौटी पर मैं क्या जानूँ मैं किस मेआ'र के अंदर से निकली हूँ कोई भी क़ौस इस तस्वीर की खुलती नहीं मुझ पर मैं किन हाथों से किस परकार के अंदर से निकली हूँ 'सहर' आसाँ न था अपने मुक़ाबिल आ के ख़ुद लड़ना यही है जीत मेरी हार के अंदर से निकली हूँ