सूरज के हम-सफ़र हैं हमारी उमंग ये और सामने हमारे है काली सुरंग ये मेरी तरह ये दिल के लहू में नहाए हैं बे-वज्ह तो नहीं है गुलाबों का रंग ये इस मा'रके में काम जो हम आ गए तो क्या जारी रहेगी बा'द हमारे भी जंग ये इक लम्स मिल गया था मुझे तेरे ध्यान का अब उम्र-भर उतरने नहीं दूँगा रंग ये शर्मिंदा हूँ न दोस्त मुज़िर इस लिए हूँ मैं आते हैं दुश्मनों की तरफ़ ही से संग ये आई हुई गिरफ़्त में है गर्द-बाद की अब जंगलों में जा के गिरेगी पतंग ये रानाइयाँ अजीब सी हैं याद-ए-यार में ख़ुशबू ये ख़ुशबुओं में है रंगों में रंग ये