ताज़ा हवा के वास्ते खिड़की न बन सका दे दूँ किसी को छाँव वो बदली न बन सका बेटा बसा बिदेस में दौलत के ढेर पर लेकिन वो बूढे बाप की लाठी न बन सका शाइ'र का वास्ता बड़ा गहरा है भूक से उस का कलाम आज भी रोटी न बन सका क्यूँ कर करूँ उमीद तू मुझ सा बनेगा दोस्त जैसा मैं चाहता हूँ वो ख़ुद भी न बन सका का'बे से लौट कर वही सूद-ओ-ज़ियाँ की फ़िक्र हज कर लिया मगर कभी हाजी न बन सका रह के भी दूर सुन सके अब्बा की खाँसियाँ बेटा कभी भी बाप की बेटी न बन सका ख़ुद की कमी को छोड़ कर ग़ैरों पे ही उठे मैं आज तक 'सहाब' वो उँगली न बन सका