तड़पते दिल की कश्ती मुफ़्लिसी में डूब जाएगी मोहब्बत बन के हसरत बेबसी में डूब जाएगी इसी उम्मीद पर सहता रहा मैं धूप की यूरिश किसी दिन मेरी हस्ती चाँदनी में डूब जाएगी ख़ुदा का शुक्र है बच्चे मिरे तहज़ीब वाले हैं ये डर था नस्ल अपनी तीरगी में डूब जाएगी यही आसार लगता है न मिल पाएँगे हम दोनों तमन्ना वस्ल की ग़म की नदी में डूब जाएगी कहाँ तक दास्तान-ए-ग़म सुनाएँ आप को 'इरफ़ान' तबीअत आप की फिर बेकली में डूब जाएगी