तसव्वुर से तेरे जो आबाद होगी तो फिर दिल की दुनिया न बर्बाद होगी छलक जाएँगे ख़ुद ही शबनम के आँसू लबों पे जो बुलबुल के फ़रियाद होगी मिरे बा'द भी चैन पा न सकोगे तुम्हें मेरी हर इक अदा याद होगी ज़रा सोच ले ऐ मिटा देने वाले मिरे बा'द फिर किस पे बेदाद होगी