तेरा सच है तिरे अज़ाबों में झूट लिक्खा है सब किताबों में एक से मिल के सब से मिल लीजे आज हर शख़्स है नक़ाबों में तेरा मिलना तिरा नहीं मिलना एक रस्ता कई सराबों में उन की नाकामियों को भी गिनिए जिन की शोहरत है कामयाबों में रौशनी थी सवाल की हद तक हर नज़र खो गई जवाबों में