तेरे होने से भी अब कुछ नहीं होने वाला By Ghazal << रह-ए-वफ़ा में हमें जितने ... मुश्किलों में मुस्कुराना ... >> तेरे होने से भी अब कुछ नहीं होने वाला मुझ में बाक़ी ही नहीं है कोई रोने वाला उस से मिलता हूँ तो लगता है कि मेरे अंदर नींद से जाग गया है कोई सोने वाला मुझ को इस खेल के आदाब सभी हैं मालूम मैं तो इस खेल में शामिल नहीं होने वाला Share on: