तेरे जैसा कमाल कर लेता मैं भी रंजिश बहाल कर लेता रस्म-ए-उल्फ़त का पास है वर्ना ग़ैर ख़ुद पे हलाल कर लेता तू धड़कता अगर न सीने में साँस धड़कन को टाल कर लेता अह्ल-ए-दुनिया तो अह्ल-ए-दुनिया हैं तू तो मेरा ख़याल कर लेता फूल से दोस्ती निभानी थी कम से कम आँख लाल कर लेता