उस को चश्म-ए-पुर-आब दे देना क़तरा क़तरा हिसाब दे देना खुल न पाए अगर वो बातों में उस को थोड़ी शराब दे देना हौसला-मंद अगर मिलें कुछ लोग उन को मेरे ये ख़्वाब दे देना शौक़ से आप कीजिए बातें मुझ को कोई किताब दे देना किस को फ़ुर्सत है सब पढ़े दीवाँ 'मीर' का इंतिख़ाब दे देना मेरी जानिब वो जब चले 'काज़िम' हाथ में आफ़्ताब दे देना