तेरे कूचा में घर बना लेता मैं भी अपना मक़ाम पा लेता ये ख़ुशी काश कोई शय होती अब तलक तो इसे चुरा लेता क़त्ल कर के ग़लत किया तुम ने इश्क़ करते तो मैं बचा लेता उस ने दिल पाश पाश कर डाला चाक पर होता तो बना लेता आप का तो पता नहीं लेकिन मैं जहाँ से फ़क़त शिफ़ा लेता