तेरी चौखट को अगर छोड़ा किधर जाऊँगा By Ghazal << तू भी अपना न हुआ और ख़ुदा... रास आई न कोई राहगुज़र वक़... >> तेरी चौखट को अगर छोड़ा किधर जाऊँगा दुनिया सी एक जगह बार-ए-दिगर जाऊँगा आज बाज़ार तुझे देख के नादिम हूँ हुआ मेरा वा'दा था बिछड़ने पे मैं मर जाऊँगा पहले वहशत में मिरे साथ चलो बाद में तुम जैसी राहों से कहोगे मैं गुज़र जाऊँगा Share on: