तेरी जो याद ऐ दिल-ख़्वाह भूला बिल्लाह भूला वल्लाह भूला फ़ुर्क़त की शब में जाँ-सोज़ दिल ने उफ़ उफ़ किया जो आह आह भूला कज रख न पा को जा दिल से ग़ाफ़िल फेर उस ने खाया जो राह भूला ज़ुन्नार डाला तस्बीह फीकी इश्क़-ए-सनम में अल्लाह भूला ख़ुर ने गिराया उस को नज़र से जो ज़र्रा तेरी दरगाह भूला ज़ुल्फ़-ए-रसा को समझा जो अफ़ई चूका वो क़स्र-ए-कोताह भूला देखे से तेरा रू-ए-मुनव्वर हम महर भूला हम माह भूला महरूम रखा साक़ी ने हम को अपने गदा को जम-जाह भूला बुत-ख़ाना छोड़ा बाज़ आए बुत से वो शहर भूला वो शाह भूला शर्त वफ़ा की किस बे-वफ़ा से 'आतिश' सा आरिफ़-ए-आगाह भूला