ठोकरें वोटों के बदले में अनाड़ी ले गया माल-ओ-दौलत सब सियासत का खिलाड़ी ले गया मग़रिबी तहज़ीब का हमला हुआ कुछ इस तरह सर से टोपी और फिर चेहरे से दाढ़ी ले गया मैं था महव-ए-शौक़ इस्टेशन के वेटिंग रूम में कोई अपने साथ मेरी रेल-गाड़ी ले गया दूसरे खेलों में लड़के जूतियाँ घिसते रहे सारा पैसा एक क्रिकेट का खिलाड़ी ले गया टाल कर बहनों को अगली ईद के वा'दे पे वो अपनी बीवी के लिए रेशम की साड़ी ले गया 'मीर'-ओ-'ग़ालिब' दफ़्तर-ए-उर्दू में नंगे हो गए कौड़ियों के भाव में सब को कबाड़ी ले गया महँगे इंजेक्शन दवा की गोलियाँ और बोतलें मुख़्तसर सा ज़ख़्म दो दिन की दिहाड़ी ले गया मैं खड़ा तकता रहा 'दीदार' हसरत से उन्हें फैमली को लंच पे जब मारवाड़ी ले गया