तिरा प्यार या फिर क़ज़ा चाहता हूँ मैं अपने मरज़ की दवा चाहता हूँ सुना है कि उस की अदा है निराली मैं उस की अदा देखना चाहता हूँ सितम भी है अच्छा तिरा ऐ सितमगर तिरा ये करम बारहा चाहता हूँ बना ले तू मुझ को असीर-ए-मोहब्बत मोहब्बत की मैं ये सज़ा चाहता हूँ मुझे भी ख़बर है तू क्या चाहती है तुझे भी ख़बर है मैं क्या चाहता हूँ