तूफ़ानी हालात भी देखो By Ghazal << सिर्फ़ बच्चे ही नहीं शोर ... देख कर लोग हुए शश्दर-ओ-है... >> तूफ़ानी हालात भी देखो डाल से टूटे पात भी देखो मुझ पर फ़तवे गढ़ने वालो ख़ुद अपनी हरकात भी देखो ख़्वाब से आरी इन आँखों में अश्कों की बोहतात भी देखो देख रहे हो सिर्फ़ बग़ावत लड़की के सदमात भी देखो ख़्वाब हमारे देखने वालो तुम अपनी औक़ात भी देखो Share on: