सिर्फ़ बच्चे ही नहीं शोर मचाने आते सैर करने यहाँ बीमार भी आ जाते हैं दिल भी हो जाता है ख़ुश अपना तमाशा कर के और निभाने हमें किरदार भी आ जाते हैं किस क़दर दुख है तुम्हें दिल के उजड़ जाने का इश्क़ में काम तो घर-बार भी आ जाते हैं हम भी आ जाते हैं बाज़ार में आँखें ले कर शाम होते ही ख़रीदार भी आ जाते हैं