तुझ सा नहीं जहान में ख़ूँ-रेज़ दूसरा पैदा हुआ कहाँ से तू चंगेज़ दूसरा सीने में मेरे है जो दिल-ए-दाग़दार इश्क़ ये शम्स दूसरा है ये तबरेज़ दूसरा ग़ालिब को क्यों ज़ुहूरी-ए-सानी न जानिए दिल्ली को क्यों समझिए न तरशेज़ दूसरा तेरा लब और मेरा लब-ए-जाम और है है एक पुर-शकर नमक-आमेज़ दूसरा