तुझे बहार मिली मुझ को इंतिज़ार मिला इस इंतिज़ार में लेकिन किसे क़रार मिला किसी की आँखों में तारों की मुस्कुराहट है किसी की आँखों को शबनम का कारोबार मिला ये मेरे जैब-ओ-गरेबाँ पे कुछ नहीं मौक़ूफ़ कि तेरा दामन-ए-रंगीं भी तार-तार मिला तिरी वफ़ा ने मोहब्बत को ए'तिबार दिया तिरी नज़र से मुझे हुस्न-ए-ए'तिबार मिला